24 अकबर रोड: कांग्रेस के इतिहास का गवाह
24 अकबर रोड पर स्थित कांग्रेस का पुराना मुख्यालय लगभग 47 वर्षों तक पार्टी की गतिविधियों का केंद्र रहा। यह जगह कई ऐतिहासिक घटनाओं की साक्षी रही, जैसे:
- इंदिरा गांधी की सत्ता में वापसी।
- संजय गांधी और इंदिरा गांधी की मृत्यु।
- राजीव गांधी का प्रधानमंत्री बनना।
- सोनिया गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष बनना और यूपीए सरकार का गठन।
यह भवन लगभग 100 साल पुराना है और आज़ादी से पहले यह ब्रिटिश वायसराय की कार्यकारी परिषद का हिस्सा था।
इंदिरा भवन: आधुनिकता और सुविधा का संगम
कांग्रेस का नया मुख्यालय दो एकड़ क्षेत्रफल में फैला है और इसे आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है। यहां हर मंजिल को कार्यक्षमता और संगठन की जरूरतों के अनुसार डिजाइन किया गया है।
इमारत की फ्लोर व्यवस्था:
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ग्राउंड फ्लोर:
- रिसेप्शन और मीडिया रूम।
- पार्टी की प्रेस कॉन्फ्रेंस और पत्रकारों के लिए विशेष स्थान।
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पहली मंजिल:
- सभी पार्टी डिपार्टमेंट्स का संचालन।
- संगठनात्मक कार्यों के लिए प्रमुख स्थान।
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दूसरी मंजिल:
- पार्टी के राष्ट्रीय सचिव और उनके स्टाफ का कार्यक्षेत्र।
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तीसरी मंजिल:
- राज्यों के प्रभारी नेताओं का कार्यक्षेत्र।
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चौथी मंजिल:
- कांग्रेस महासचिवों के लिए आरक्षित।
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पांचवीं मंजिल:
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कार्यालय।
कांग्रेस के लिए नए युग की शुरुआत
9ए, कोटला रोड पर बना यह मुख्यालय न केवल पार्टी के लिए एक नई शुरुआत का प्रतीक है, बल्कि इसे 21वीं सदी की जरूरतों के साथ जोड़ता है। ग्राउंड फ्लोर तक मीडिया की पहुंच और हर फ्लोर पर अलग-अलग कार्यक्षेत्र कांग्रेस के कामकाज को व्यवस्थित और प्रभावी बनाएंगे।
आपकी राय: क्या कांग्रेस का यह कदम पार्टी को भविष्य में नई ऊंचाइयों तक ले जाएगा? अपने विचार कमेंट में साझा करें।
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