संविधान और सामाजिक न्याय पर राहुल की सीधी चोट
राहुल गांधी ने अपने संबोधन में भारतीय संविधान को अपनी पार्टी का मुख्य केंद्र बताया और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) व भाजपा पर सीधा हमला किया। उन्होंने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान को 'संविधान विरोधी' करार देते हुए आरोप लगाया कि संघ और भाजपा संविधान को मिटाने का प्रयास कर रहे हैं। उनका कहना था कि संविधान सिर्फ एक किताब नहीं है, बल्कि यह हजारों वर्षों की भारतीय सोच और सामाजिक न्याय का प्रतीक है।
उन्होंने कहा, "आज देश में पिछड़े, दलित और आदिवासी वर्ग के लोग सत्ता से बाहर हैं। बड़ी कंपनियों, मीडिया चैनलों और प्रशासनिक ढांचे में उनका प्रतिनिधित्व शून्य के बराबर है। सिर्फ जाति जनगणना से काम नहीं चलेगा, हमें उनकी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।"
नीतीश कुमार पर जाति जनगणना के बहाने निशाना
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा कराई गई जाति जनगणना पर भी राहुल गांधी ने सवाल उठाए। उन्होंने इसे "लोगों को बेवकूफ बनाने की कवायद" बताया और जोर देकर कहा कि जाति जनगणना का असली मकसद सामाजिक और आर्थिक हिस्सेदारी तय करना होना चाहिए। कांग्रेस का स्पष्ट रुख है कि जाति आधारित आंकड़े केवल गिनती तक सीमित न रहें, बल्कि इससे समाज के कमजोर वर्गों की स्थिति को सुधारने की ठोस योजना बने।
बीपीएससी आंदोलनकारियों से मुलाकात
राहुल गांधी ने बिहार लोकसेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा में कथित धांधली के खिलाफ आंदोलन कर रहे युवाओं का समर्थन किया। उन्होंने पर्चा लीक जैसी घटनाओं को भाजपा और अन्य राज्यों की सरकारों की विफलता करार दिया।
कांग्रेस के संगठन को मज़बूत करने की कोशिश
हालांकि राहुल का दौरा केवल मुद्दों तक सीमित नहीं था। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ बैठकें कर कांग्रेस के कमजोर संगठन को मजबूत करने पर जोर दिया। राहुल गांधी ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे जमीन पर मजबूती से खड़े हों, ताकि कांग्रेस अपने मकसद में सफल हो सके।
आरजेडी-कांग्रेस गठबंधन की राजनीति
राहुल का यह दौरा उस वक्त हुआ जब राजद अपनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक कर रही थी। कांग्रेस और राजद के रिश्ते फिलहाल जटिल मोड़ पर हैं। हालांकि दोनों पार्टियों के बीच संवाद के दरवाजे खुले हैं, लेकिन गठबंधन की मजबूती को लेकर सवाल उठ रहे हैं। आने वाले दिनों में राहुल और लालू यादव की मुलाकात इस रिश्ते की दिशा तय कर सकती है।
राजनीतिक संकेत: क्या बदलेगी बिहार की राजनीति?
राहुल गांधी का पटना दौरा और संघ पर सीधा हमला यह संकेत देता है कि कांग्रेस ने आगामी चुनावों में सामाजिक न्याय और संविधान रक्षा को मुख्य मुद्दा बनाने का मन बना लिया है। भाजपा विरोधी खेमे को संगठित करना और कमजोर वर्गों को साथ लाना उनकी रणनीति का हिस्सा है।
पटना में चल रही यह हलचल बिहार की राजनीति में बड़े बदलावों का संकेत दे रही है। सवाल यह है कि क्या राहुल गांधी का यह दौरा कांग्रेस के लिए राज्य में खोई हुई जमीन वापस ला पाएगा, या यह महज चुनावी रणनीति तक सीमित रहेगा। बिहार की राजनीति पर सबकी निगाहें टिकी हैं।
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