पलामू, झारखंड | 21 फरवरी 2025
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान वीरगति को प्राप्त हुए पलामू निवासी महिमानंद शुक्ला को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। जैसे ही उनका पार्थिव शरीर उनके पैतृक गांव कमलकेड़िया, लेस्लीगंज पहुंचा, पूरा इलाका "महिमानंद अमर रहें" के नारों से गूंज उठा।
बारूदी सुरंग विस्फोट में शहादत:
महिमानंद शुक्ला, जो सीआरपीएफ में तैनात थे, 11 फरवरी को दंतेवाड़ा में एक नक्सल विरोधी अभियान के दौरान बारूदी सुरंग विस्फोट की चपेट में आ गए। इस हादसे में उनके दोनों पैर क्षतिग्रस्त हो गए। गंभीर स्थिति में उन्हें रायपुर ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
अधिकारियों ने दी अंतिम श्रद्धांजलि:
गुरुवार देर रात जब उनका पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, तो पूरा इलाका शोक में डूब गया। चतरा सांसद कालीचरण सिंह, विधायक डॉ. शशि भूषण मेहता, सीआरपीएफ झारखंड सेक्टर आईजी साकेत सिंह, पलामू डीआईजी वाईएस रमेश, और सीआरपीएफ डीआईजी पंकज कुमार समेत कई वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें सलामी दी और कंधा देकर अंतिम सम्मान दिया।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार:
शुक्रवार को महिमानंद शुक्ला का अंतिम संस्कार अमानत नदी के तट पर पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया। इस दौरान सीआरपीएफ की टुकड़ी ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया।
पारिवारिक क्षति:
महिमानंद शुक्ला अपने पीछे एक बेटा और एक बेटी छोड़ गए हैं। उनके बलिदान ने न केवल परिवार को, बल्कि पूरे पलामू क्षेत्र को गहरे शोक में डुबो दिया है।
देश हमेशा उनके बलिदान को याद रखेगा ।
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