कलश यात्रा से हुआ शुभारंभ
महायज्ञ के पहले दिन का शुभारंभ भव्य कलश यात्रा के साथ हुआ। जैसे ही सूर्य की पहली किरणों ने बसडीहा गाँव को आलोकित किया, पूरा क्षेत्र भक्ति और उल्लास से भर उठा। हजारों श्रद्धालुओं ने पारंपरिक वेशभूषा में भाग लिया और मंगल गीत गाते हुए सोनरे नदी घाट तक पवित्र जल लेने पहुँचे। इस यात्रा का नेतृत्व अयोध्या से पधारे यज्ञाचार्य श्री विजय प्रापन्ना जी महाराज ने किया, जिन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ जलाभिषेक की प्रक्रिया संपन्न करवाई।
यज्ञ मंडप को भव्य रूप से सजाया गया, चारों ओर ध्वज, तोरणद्वार और पुष्पों की सजावट ने इस स्थल को दिव्यता प्रदान की। जैसे ही कलश यात्रा यज्ञ स्थल पर पहुँची, पूरे परिसर में "जय भास्कर!" और "सूर्य देवाय नमः!" के गगनभेदी जयघोष गूंज उठे।
मुख्य यजमान एवं श्रद्धालु
इस महायज्ञ में बलराम पांडे, बच्चन ओझा, नरेंद्र नाथ ओझा, विकेश ओझा, उदय कुमार पांडेय, हीरा नंद पांडे और राहुल ओझा मुख्य यजमान के रूप में सम्मिलित हुए। इसके अलावा, बड़ी संख्या में ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने संकल्प, पूजन एवं हवन में भाग लेकर भगवान सूर्य की कृपा प्राप्त करने का सौभाग्य अर्जित किया।
गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए कई गणमान्य व्यक्तियों और समाजसेवियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे –
✔ प्रखंड प्रमुख पंचम प्रसाद
✔ सांसद पत्नी जयमंती देवी
✔ मुकेश सिंह चंदेल
✔ भाजपा नेत्री मंजू लता
✔ मुखिया राजेंद्र पांडे, राजेंद्र ओझा
✔ डंडार मुखिया प्रदुम्न सिंह
✔ समाजसेवी अजय गुप्ता, प्रिंस सिंह, अमित चौहान, श्याम ओझा, विनय सिंह, छोटू सिंह
इन सभी गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति ने इस आयोजन को और भी विशेष और गरिमामयी बना दिया।
सामाजिक सेवा की प्रेरणादायक मिसाल
इस महायज्ञ के दौरान एक भावनात्मक और प्रेरणादायक क्षण तब आया जब बारी पंचायत की पंचायत समिति सदस्य रूबी देवी ने अपनी नानी तिलो देवी की स्मृति में 630 ग्राम चांदी के जेवर मंदिर को दान किए। यज्ञ समिति ने उनका विशेष सम्मान किया और श्रद्धालुओं ने इस भक्ति और सेवा के भाव को कृतज्ञता से स्वीकार किया।
यज्ञ समिति का योगदान और सम्मान समारोह
यज्ञ समिति ने कार्यक्रम में आए सभी गणमान्य व्यक्तियों और मीडिया कर्मियों को चुनरी और माला पहनाकर सम्मानित किया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान भास्कर के प्रति अपनी श्रद्धा प्रकट की और यज्ञ एवं मंदिर समिति को हर संभव सहयोग देने का संकल्प लिया।
महायज्ञ के मुख्य अनुष्ठान
यह आयोजन 6 मार्च तक चलेगा, जिसमें कई प्रमुख धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होंगे –
🔸 वैदिक मंत्रोच्चार एवं सूर्य उपासना
🔸 विशेष यज्ञ और हवन
🔸 प्रवचन और सत्संग
🔸 रुद्राभिषेक एवं सूर्य अर्घ्य अर्पण
🔸 भव्य भंडारा एवं प्रसाद वितरण
महायज्ञ का उद्देश्य
यह आयोजन केवल मंदिर प्रतिष्ठा तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका मुख्य उद्देश्य है –
✅ समाज में आध्यात्मिक ऊर्जा और सकारात्मकता का संचार
✅ युवाओं में धर्म और संस्कृति के प्रति जागरूकता
✅ मानव कल्याण और शांति के लिए सामूहिक प्रार्थना
✅ गाँव और समाज में एकता और सौहार्द का प्रसार
बसडीहा गाँव बना आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र
पाँच दिनों तक बसडीहा गाँव भक्ति और आस्था का प्रमुख केंद्र बना रहेगा। इस पवित्र भूमि से निकली आध्यात्मिक ऊर्जा समाज को नए विचार, नई दिशा और नई ऊर्जा देने के लिए प्रवाहित होती रहेगी।
🌞 यह दिव्य आयोजन सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि समाज को नई ऊर्जा देने वाली एक आध्यात्मिक क्रांति है!
📽 इस ऐतिहासिक आयोजन के अद्भुत क्षणों को देखने के लिए हमारा वीडियो देखें!
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जय सूर्य देव! जय भास्कर!
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