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स्वतंत्रता: अधिकार से अधिक, एक जिम्मेदारी - अमित चौहान, उप प्रमुख पांकी


स्वतंत्रता — यह केवल एक शब्द नहीं, बल्कि वह अनमोल धरोहर है जिसे हमारे पूर्वजों ने अपने त्याग, संघर्ष और बलिदान से अर्जित किया है। इस आज़ादी का मूल्य समझना और इसे सुरक्षित रखना हम सभी का नैतिक और राष्ट्रीय कर्तव्य है।

हम अक्सर आज़ादी को अपने अधिकारों के रूप में देखते हैं—बोलने की आज़ादी, विचारों की स्वतंत्रता, अवसरों की समानता। लेकिन स्वतंत्रता केवल अधिकारों का नाम नहीं है, यह कर्तव्यों का भी स्मरण कराती है।

क्यों जरूरी है स्वतंत्रता की रक्षा?

  • क्योंकि यह हमें विरासत में मिली, लेकिन इसे बनाए रखने के लिए निरंतर प्रयास की आवश्यकता है।

  • क्योंकि आज़ादी का अर्थ तभी है जब समाज में समानता, न्याय और भाईचारा हो।

  • क्योंकि यह केवल हमारी पीढ़ी की नहीं, आने वाली पीढ़ियों की भी अमानत है।

हमारा संकल्प

आइए, इस स्वतंत्रता दिवस पर हम सभी यह संकल्प लें कि—

  • हम अपने देश की अखंडता और एकता की रक्षा करेंगे।

  • हम शिक्षा, स्वच्छता और विकास को प्राथमिकता देंगे।

  • हम आने वाली पीढ़ियों के लिए एक गौरवपूर्ण, समृद्ध और सशक्त भारत का निर्माण करेंगे।

हमारा एक छोटा-सा कदम भी देश की प्रगति में बड़ा बदलाव ला सकता है। आज़ादी का असली उत्सव तभी होगा, जब हम इसे न केवल मनाएँ, बल्कि अपने आचरण से इसे और मजबूत बनाएँ।

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक मंगलकामनाएँ! 🇮🇳

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