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झारखंड: पलामू की नाबालिग बच्ची की दुष्कर्म और मौत के बाद पैतृक गांव पहुंचा शव, शोक में डूबा परिवार।

पलामू जिले की उस नाबालिग बच्ची का शव आज उसके पैतृक गांव पहुंचा, जिसके साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या की गई थी। शव पहुंचते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ पड़ी। परिवार और रिश्तेदारों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पूरे माहौल में मातम छा गया, जहां हर कोई इस अमानवीय घटना पर आक्रोशित और दुखी नजर आया।

परिवार से मिले जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी

घटना की गंभीरता को देखते हुए राज्य के वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर, स्थानीय विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता, पलामू के उपयुक्त शशिरंजन, प्रखंड विकास पदाधिकारी, और अंचलाधिकारी सहित स्थानीय प्रशासन के कई वरिष्ठ अधिकारी पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे। उन्होंने परिवार को सांत्वना दी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया।

वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने जिला प्रशासन की ओर से तत्काल राहत के रूप में एक लाख रुपये की सहायता राशि बच्ची के पिता को सौंपी। उन्होंने इस जघन्य अपराध की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों को शीघ्र सजा दिलाने का भरोसा दिया।

पूर्व जिला परिषद सदस्या ने घटना पर जताया दुख

इस मौके पर पूर्व जिला परिषद सदस्या लवली गुप्ता ने कहा, "यह घटना अत्यंत हैरान और परेशान करने वाली है। ऐसी घटनाएं हमारे समाज के लिए शर्मनाक हैं और हमें मिलकर इस पर रोक लगाने की दिशा में काम करना होगा।"

अंतिम संस्कार में उमड़ी भीड़

बच्ची के अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में गणमान्य लोग और ग्रामीण शामिल हुए। पूर्व मंत्री बैजनाथ राम, जिला परिषद सदस्य खुशबू देवी, और प्रखंड प्रमुख पंचम प्रसाद सहित सैकड़ों लोग बच्ची को अंतिम विदाई देने पहुंचे। हर किसी की आंखें नम थीं, और पूरे इलाके में गम का माहौल था।

न्याय और सुरक्षा की मांग

इस दर्दनाक घटना ने न केवल बच्ची के परिवार को, बल्कि पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया है। लोग दोषियों को जल्द से जल्द कड़ी सजा देने और महिलाओं एवं बच्चियों की सुरक्षा के लिए ठोस कदम उठाने की मांग कर रहे हैं।

इस अमानवीय घटना ने समाज के सामने फिर से यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक मासूमों को ऐसे जघन्य अपराधों का शिकार होना पड़ेगा। सरकार और प्रशासन से लोग उम्मीद कर रहे हैं कि दोषियों को शीघ्र सजा देकर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया जाएगा।

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