IAS पूजा सिंघल का निलंबन वापस लेने की खबर ने झारखंड में प्रशासनिक हलकों और मीडिया में चर्चा का विषय बना दिया है। पूजा सिंघल, जो मनरेगा घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसी थीं, 28 महीने जेल में बिताने के बाद अब सेवा में बहाल हो गई हैं।
मुख्य बिंदु:
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निलंबन समाप्ति का आदेश:
झारखंड सरकार ने कार्मिक, प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के माध्यम से उनका निलंबन समाप्त करने का आदेश जारी किया। मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इसे मंजूरी दी थी। -
घोटाला और गिरफ्तारी:
पूजा सिंघल को मई 2022 में ईडी द्वारा गिरफ्तार किया गया था। जांच के दौरान उनके पति के सीए के यहां से 20 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। -
जमानत और राहत:
सितंबर 2024 में पीएमएलए कोर्ट ने पूजा सिंघल को जमानत दी। लंबे समय तक जेल में रहने और सजा की एक-तिहाई अवधि पूरी करने के आधार पर उन्हें जमानत मिली। -
पदस्थापन और अनुभव:
निलंबन से पहले वह उद्योग सचिव, खान सचिव और झारखंड राज्य खनिज विकास निगम की चेयरमैन के रूप में कार्यरत थीं। उन्होंने कृषि सचिव के रूप में भी सेवाएं दीं और घोटाले के दौरान खूंटी की उपायुक्त थीं। -
प्रारंभिक जीवन और सफलता:
देहरादून में जन्मी पूजा सिंघल बचपन से मेधावी रहीं। गढ़वाल विश्वविद्यालय से स्नातक करने के बाद उन्होंने 1999 में पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की और 21 वर्ष की उम्र में आईएएस अधिकारी बन गईं।
निष्कर्ष:
पूजा सिंघल की बहाली से सरकार और प्रशासन में नई चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। हालांकि, इस फैसले पर जनता और विपक्ष की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी। उनके भविष्य के कार्य प्रदर्शन पर सभी की नजरें टिकी होंगी।
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