ऑस्ट्रेलिया की एक अदालत ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) से जुड़े वरिष्ठ नेता और 'ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ BJP' ऑस्ट्रेलिया के अध्यक्ष बालेश धनखड़ को महिलाओं के खिलाफ किए गए जघन्य अपराधों के लिए 40 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने उन्हें 30 साल तक पैरोल न मिलने का भी आदेश दिया है। यह फैसला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर आया है, जो महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अपराध के मामलों में सख्त कार्रवाई का एक स्पष्ट संदेश देता है।
बालेश धनखड़ पर कई महिलाओं के साथ बलात्कार, उन्हें ड्रग्स देकर बेहोश करने और उनके साथ यौन हिंसा करने के आरोप साबित हुए हैं। अदालत ने इन अपराधों को "हैवानी प्रवृत्ति" और "जघन्य" करार दिया है। धनखड़ पर आरोप है कि उसने महिलाओं को नौकरी का झांसा देकर बुलाया, उन्हें ड्रग्स देकर बेहोश किया और फिर उनके साथ बलात्कार किया। इस दौरान उसने अपने अपराधों की वीडियो रिकॉर्डिंग भी की और बाद में पीड़िताओं को ब्लैकमेल करके उनका शोषण जारी रखा।
ऑस्ट्रेलियाई अदालत ने इस मामले में सख्त रुख अपनाते हुए धनखड़ को 40 साल की सजा सुनाई है। साथ ही, उसे 30 साल तक पैरोल न मिलने का आदेश दिया गया है। यह फैसला महिलाओं के खिलाफ हिंसा और यौन अपराधों के मामलों में कड़ी कार्रवाई की मिसाल पेश करता है।
इस मामले ने भारतीय राजनीति में भी सवाल खड़े किए हैं, क्योंकि बालेश धनखड़ BJP से जुड़े एक वरिष्ठ नेता हैं और ऑस्ट्रेलिया में पार्टी के प्रवासी संगठन का नेतृत्व करते थे। इस घटना ने महिलाओं की सुरक्षा और राजनीतिक दलों की जवाबदेही पर गंभीर बहस छेड़ दी है।
अदालत के फैसले के बाद, सोशल मीडिया पर इस मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कई लोगों ने इस घटना को महिलाओं के खिलाफ हिंसा और शोषण के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत के तौर पर देखा है। वहीं, कुछ लोगों ने राजनीतिक दलों से अपने नेताओं और कार्यकर्ताओं की पृष्ठभूमि की जांच करने और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।
यह मामला एक बार फिर समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उनके खिलाफ होने वाले अपराधों को रोकने के लिए सख्त कानून और जागरूकता की आवश्यकता को रेखांकित करता है।
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