रिपोर्ट : पंकज प्रसून
ग्वालियर : पवित्र सावन मास के तीसरे सोमवार को ग्वालियर स्थित श्रीकृष्णायन सेवक आदर्श गौशाला में "सन्मार्गी गौतीर्थ" के निर्माण का संकल्प लिया गया। इस शुभ अवसर पर पलामू (झारखंड) के संत स्वामी रणधीर जी “सन्मार्गी” की विशेष भूमिका रही, जो इस ऐतिहासिक संकल्प के सह-प्रणेता रहे।
स्वामी रणधीर जी ने आदर्श गौशाला के प्रमुख श्री ऋषभदेवानन्द जी महाराज से मुलाकात की, जहाँ 10,000 से अधिक गौ माताओं का संरक्षण हो रहा है। यह भेंट गौ सेवा, धर्म और संस्कृति के समन्वय से “गौशाला से गौतीर्थ” की अवधारणा को मूर्त रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बनी।
स्वामी रणधीर जी ने कहा,
“गौतीर्थ केवल गौ आश्रय नहीं, यह आत्मोत्थान और सनातन संस्कृति का केंद्र होगा। हम पलामू में भी गोसेवा और गौतीर्थ की अवधारणा को बढ़ावा देंगे।”
उन्होंने यह भी बताया कि पलामू में ऐसे प्रयासों की शुरुआत की जा रही है, जहाँ गौ सेवा के साथ-साथ पंचगव्य चिकित्सा, जैविक खेती, और युवा स्वरोजगार पर आधारित "गो-आधारित अर्थनीति" को भी प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस अवसर पर परम पूज्य स्वामी स्नेहानन्द जी महाराज, शिक्षाविद विजय गर्ग जी एवं अनेक संत-महात्मा उपस्थित रहे। सभी ने इस पावन कार्य में स्वामी रणधीर जी की भूमिका को विशेष रूप से सराहा और कहा कि यह पलामू जैसे क्षेत्र के लिए गौरव की बात है कि वहाँ के संत अब राष्ट्रीय स्तर पर गो-संस्कृति के वाहक बन रहे हैं।
"जहाँ गौ सेवा है, वहाँ आत्मोत्थान का बीज अंकुरित होता है।" – यह संदेश लेकर स्वामी रणधीर जी का यह प्रयास निश्चित ही झारखंड और सम्पूर्ण भारत को एक नई दिशा देगा।
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