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दिल्ली में झारखंड कांग्रेस की अहम बैठक: खड़गे और राहुल ने लिया संगठन और सरकार का जायजा

नई दिल्ली, 14 जुलाई 2025: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने दिल्ली में झारखंड कांग्रेस के विधायकों, मंत्रियों और सांसदों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में झारखंड में पार्टी संगठन को मजबूत करने, गठबंधन सरकार के कामकाज की समीक्षा और भविष्य की रणनीतियों पर विस्तृत चर्चा हुई।

बैठक के मुख्य बिंदु

1. संगठन और सरकार के कामकाज की समीक्षा

राहुल गांधी ने मंत्रियों से उनके विभागों की उपलब्धियों का विस्तृत रिपोर्ट कार्ड मांगा। विधायकों से उनकी शिकायतें और सुझाव सुने गए। मंत्रियों को विधायकों और कार्यकर्ताओं के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए स्पष्ट निर्देश दिए गए। खड़गे ने जोर दिया कि पार्टी का हर स्तर पर एकजुट रहना जरूरी है ताकि जनता तक सरकार की योजनाएं प्रभावी ढंग से पहुंच सकें।

2. विवादों का समाधान

बैठक में रांची के राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) से जुड़े विवाद पर विशेष ध्यान दिया गया। स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी और विधायकों सुरेश बैठा व बंधु तिर्की के बीच मतभेद को सुलझाने की कोशिश की गई। पार्टी नेतृत्व ने सभी नेताओं को एकजुट होकर काम करने और सार्वजनिक मंचों पर मतभेद न उजागर करने की सलाह दी।

3. नेतृत्व पर असंतोष

कुछ विधायकों ने झारखंड प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के खिलाफ असंतोष जताया और नेतृत्व परिवर्तन की मांग उठाई। हालांकि, प्रदेश अध्यक्ष ने इस बैठक को रूटीन समीक्षा करार दिया और दावा किया कि संगठन में कोई बड़ा विवाद नहीं है। नेतृत्व ने इस मुद्दे पर फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया।

4. चुनावी वादों पर चर्चा

बैठक में कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र और झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के साथ गठबंधन सरकार के वादों के कार्यान्वयन की समीक्षा की गई। पेसा कानून, सरना कोड, और ओबीसी आरक्षण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर रणनीति तैयार की गई। नेतृत्व ने मंत्रियों को इन वादों को प्राथमिकता देने और जनता तक इनके लाभ पहुंचाने का निर्देश दिया।

5. संगठनात्मक मजबूती पर जोर

खड़गे और राहुल गांधी ने मंत्रियों और विधायकों को कार्यकर्ताओं के साथ संवाद बढ़ाने और जनहित को प्राथमिकता देने का निर्देश दिया। विशेष रूप से अनुसूचित जनजाति (ST), अनुसूचित जाति (SC), और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) समुदायों के लिए नीतियों को प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया गया। संगठन को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए बूथ स्तर तक सक्रियता बढ़ाने की योजना बनाई गई।

6. बीजेपी का तंज

बीजेपी ने इस बैठक पर तंज कसते हुए दावा किया कि यह कांग्रेस के अंदरूनी मतभेदों को दबाने की कोशिश है। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, "यह सामान्य समीक्षा नहीं, बल्कि कांग्रेस की गुटबाजी को छिपाने का प्रयास है।" बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि गठबंधन सरकार जनता के विश्वास को खो रही है।

प्रमुख नेताओं की उपस्थिति

बैठक में झारखंड कांग्रेस प्रभारी के राजू, प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश, और संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, झारखंड के अधिकांश विधायक और मंत्री मौजूद थे। 

सियासी अटकलें

बैठक के बाद सियासी गलियारों में कई अटकलें लगाई जा रही हैं। कुछ सूत्रों का कहना है कि यह बैठक केवल संगठनात्मक समीक्षा तक सीमित नहीं थी, बल्कि मंत्रियों और विधायकों के बीच तनाव को कम करने और संभावित मंत्रिमंडल फेरबदल पर विचार का हिस्सा थी। चर्चा है कि विधायक प्रदीप यादव को मंत्री बनाए जाने की संभावना पर भी विचार हुआ। इसके अलावा, प्रदेश नेतृत्व में बदलाव की मांग ने भी सियासी हलचल बढ़ा दी है।

भविष्य की रणनीति

यह बैठक झारखंड कांग्रेस के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकती है, क्योंकि यह आगामी स्थानीय निकाय चुनावों और संगठनात्मक विस्तार के लिए रणनीति तैयार करने का अवसर प्रदान करती है। पार्टी नेतृत्व ने स्पष्ट किया कि गठबंधन सरकार और संगठन को एकजुट रखकर जनता के मुद्दों को प्राथमिकता दी जाएगी।

निष्कर्ष: दिल्ली में हुई इस बैठक ने झारखंड कांग्रेस के सामने मौजूद चुनौतियों और अवसरों को रेखांकित किया। संगठन और सरकार के बीच बेहतर तालमेल, विवादों का समाधान, और जनहित के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करने की रणनीति से पार्टी को नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

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