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खासमहल की जमीन को फ्रीहोल्ड किया जाए – आशीष भारद्वाज


मेदिनीनगर : ज़िले में खासमहल की भूमि का मुद्दा एक बार फिर सुर्खियों में है। शहर के व्यापारियों की वर्षों पुरानी मांग रही है कि इस भूमि को फ्रीहोल्ड का दर्जा दिया जाए। इसी विषय पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए युवा समाजसेवी आशीष भारद्वाज ने कहा कि “पलामू हमारा घर है, जब यह शहर हमारा है तो उसकी ज़मीन पर मालिकाना हक किसी और का क्यों हो?”

उन्होंने कहा कि आज़ादी के 79 साल बाद भी लोग उस ज़मीन पर अपने हक के लिए लड़ रहे हैं, जिस पर उनके पूर्वजों ने पीढ़ियों पहले घर और कारोबार खड़ा किया था। भारद्वाज के अनुसार, खासमहल अब भी अंग्रेज़ी हुकूमत की गुलामी का प्रतीक बनकर खड़ा है और इसके कारण शहर का विकास बाधित हो रहा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि लीज नवीनीकरण की प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार फैला हुआ है। व्यापारियों को अंडरटेबल इतनी रकम देनी पड़ती है, जितने में वे शहर के अन्य हिस्सों में नई ज़मीन ख़रीद सकते हैं। आशीष ने कहा कि कुछ प्रभावशाली पूंजीपति लोग नगरवासियों को गुमराह कर रहे हैं। पहले वे फ्रीहोल्ड की मांग का नारा लगाते थे और अब लीज नवीनीकरण के प्रस्ताव पर संतुष्ट होकर जश्न मना रहे हैं।

उन्होंने सरकार से मांग की कि मेदिनीनगर के नागरिकों और मेहनतकश व्यापारियों को उनका वैध मालिकाना हक दिया जाए। अगर खासमहल की भूमि फ्रीहोल्ड कर दी जाती है तो शहरवासी खुलकर विकास कार्यों में योगदान दे पाएंगे।

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