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लेस्लीगंज थाना में विधायक प्रतिनिधि की पिटाई का आरोप — एएसआई पर हाथ तोड़ने का गंभीर आरोप, थानेदार पर पक्षपात का सवाल


पलामू, झारखंड। पलामू जिले के लेस्लीगंज थाना से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां के थाना परिसर में पांकी विधानसभा क्षेत्र के विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता के प्रतिनिधि एवं अधिवक्ता लाला प्रसाद यादव की कथित रूप से एएसआई जितेन्द्र कुमार यादव ने बुरी तरह पिटाई कर दी। इस मारपीट में लाला प्रसाद यादव का दाहिना हाथ फ्रैक्चर हो गया है।


 घटना कैसे हुई

सूत्रों के अनुसार, शुक्रवार रात करीब 10 बजे लेस्लीगंज प्रखंड के कीला चौक क्षेत्र में दो पक्षों के बीच विवाद हुआ था। विवाद सुलझाने के लिए स्थानीय लोगों ने विधायक प्रतिनिधि लाला प्रसाद यादव को मौके पर बुलाया। वे जब थाना परिसर पहुंचे, तो वहां तैनात एएसआई जितेन्द्र कुमार यादव कथित तौर पर नशे की हालत में गाली-गलौज कर रहे थे।

लाला प्रसाद यादव ने जब उन्हें समझाने की कोशिश की, तो एएसआई भड़क उठे और मारपीट शुरू कर दी। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, एएसआई ने बार-बार गाली दी और हाथ से हमला किया, जिससे यादव गंभीर रूप से घायल हो गए। बाद में उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकीय जांच में हाथ का फ्रैक्चर पाया गया।


 एफआईआर दर्ज नहीं, केवल रिसीविंग दी गई

घायल प्रतिनिधि ने घटना के तुरंत बाद थाने में एफआईआर दर्ज कराने का आवेदन दिया, लेकिन थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज करने से इनकार कर दिया। केवल आवेदन की रिसीविंग कॉपी दी गई। इसको लेकर विधायक शशिभूषण मेहता ने थानेदार पर आरोपी को बचाने का आरोप लगाया और कहा कि थाने में यह “गुंडागर्दी का माहौल” है।


 विधायक की प्रेस कॉन्फ्रेंस

शनिवार को पांकी के मौर्या फार्म हाउस में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधायक डॉ. शशिभूषण मेहता ने पूरे मामले को विस्तार से बताया। उन्होंने कहा —

“थाने में एक अधिवक्ता और विधायक प्रतिनिधि के साथ ऐसी बर्बर मारपीट, वह भी पुलिस कर्मी द्वारा — यह कानून व्यवस्था पर सीधा प्रहार है। एएसआई जितेन्द्र यादव को नशे की हालत में ड्यूटी पर रहना बताया जा रहा है। यह शर्मनाक है।

विधायक ने आगे कहा कि उन्होंने मामले की शिकायत उपाधीक्षक मनोज झा, एसपी मैडम और डीजीपी अनुराग गुप्ता से की है। डीजीपी ने उन्हें ऑनलाइन आवेदन भेजने और शीघ्र कार्रवाई का आश्वासन दिया है।


⚖️ विधायक की मांगें

एएसआई जितेन्द्र कुमार यादव को बर्खास्त किया जाए।

जांच डीएसपी या एसपी स्तर से कराई जाए, ताकि निष्पक्षता बनी रहे।

विधायक प्रतिनिधि व अधिवक्ताओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए।

विधायक ने चेतावनी दी कि यदि 24 घंटे में कोई कार्रवाई नहीं हुई तो वे विश्व हिंदू परिषद, अधिवक्ता संघ और पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।


🕉️ विश्व हिंदू परिषद और अधिवक्ता संघ भी सक्रिय

घटना के बाद विश्व हिंदू परिषद और स्थानीय अधिवक्ता संघ ने भी इस मामले में नाराजगी जताई है। संघ के पदाधिकारियों का कहना है कि “यदि वकील और जनप्रतिनिधि थाने में सुरक्षित नहीं हैं, तो आम जनता का क्या होगा?” दोनों संगठनों ने आरोपी एएसआई की निलंबन व थानेदार की जांच की मांग की है।


 डीजीपी को भेजा गया आवेदन

विधायक शशिभूषण मेहता ने डीजीपी अनुराग गुप्ता को घटना की पूरी रिपोर्ट और मेडिकल प्रमाणपत्र की कॉपी भेजी है। रिपोर्ट में कहा गया है कि थानेदार द्वारा एफआईआर न लेना, प्रशासनिक निष्पक्षता पर सवाल उठाता है।


 विधायक का चेतावनी संदेश

“यदि कानून के रक्षक ही भक्षक बन जाएँ, तो जनता कहाँ जाएगी? यह झारखंड गरीब-गुरबा का राज्य है, गुंडों का नहीं। हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे, जब तक आरोपी को बर्खास्त कर न्याय नहीं मिलता।” — डॉ. शशिभूषण मेहता। 

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