सदर थाना प्रभारी की असंवेदनशीलता पर कार्रवाई की मांग
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जिला सचिव एवं डालटेनगंज विधानसभा के पूर्व उम्मीदवार रूचिर तिवारी ने अहले सुबह ग्राम सुआ पहुँचकर मृतक रंजीत विश्वकर्मा के परिजनों से मुलाकात की। परिजनों की हालत बेहद खराब थी—रोते-बिलखते हुए वे बार-बार न्याय की गुहार लगा रहे थे। मृतक घर का इकलौता बेटा और पांच बहनों का भाई था, परिवार का अकेला कमाने वाला सदस्य।
परिवार ने खुलकर कहा कि यह सीधे-सीधे हत्या का मामला है। परिजनों के अनुसार, रात करीब 10 बजे रंजीत को एक महिला का फोन आया था। उसके बाद सुबह पुलिस बिना परिजनों, मुखिया या सदर उपप्रमुख को सूचना दिए ही शव को उठाकर ले गई।
रूचिर तिवारी ने सदर थाना प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि–
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थाना प्रभारी ने अत्यधिक असंवेदनशीलता दिखाई।
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जिन संदिग्ध व्यक्तियों पर परिवार ने हत्या का शक जताया है, उनकी कोई जांच नहीं की गई।
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जिन घरों पर संदेह है, वहां थाना प्रभारी अब तक पहुँचे तक नहीं।
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सुआ गांव में रात के समय होने वाली अवैध बालू ढुलाई पर भी कार्रवाई नहीं की जा रही, जिससे पुलिस की कार्यशैली पर सवाल और गहरे हो रहे हैं।
परिजनों ने बताया कि:
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शव पर मारपीट के कई निशान थे।
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रेलवे ट्रैक पर कहीं भी खून नहीं था।
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मृतक की चप्पलें झाड़ियों से मिलीं, जिससे ट्रैक पर शव फेंकने की आशंका और मजबूत होती है।
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ट्रेन से कटने जैसा कोई निशान मृतक के शरीर पर नहीं था।
तिवारी ने कहा कि यदि यह वास्तव में रेलवे ट्रैक का मामला होता, तो शव उठाने की जिम्मेदारी रेलवे पुलिस की होती, न कि सदर थाना की। इससे स्पष्ट होता है कि मामला संदिग्ध है और पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में है।
भाकपा की मांगें:
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने आरक्षी अधीक्षक, पलामू से आग्रह किया है कि—
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हत्या का तुरंत खुलासा किया जाए।
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दोषियों को शीघ्र गिरफ्तार कर जेल भेजा जाए।
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सदर थाना प्रभारी की असंवेदनशीलता और लापरवाही पर कड़ी कार्रवाई की जाए।
भाकपा ने चेतावनी दी है कि एक सप्ताह के भीतर मामला नहीं सुलझा तो सैकड़ों ग्रामीणों के साथ सदर थाना का घेराव किया जाएगा।
इस दौरान मृतक के परिजनों के साथ सदर उपप्रमुख शीतल सिंह चेरो, अखिल भारतीय किसान सभा के जिला अध्यक्ष उमेश सिंह, तथा सनी सिंह, वीरेंद्र सिंह, नीतीश विश्वकर्मा, पवन विश्वकर्मा, विकास विश्वकर्मा और प्रिंस कुमार गुप्ता भी मौजूद थे।

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