प्रिंस सिंह ने पांकी मुख्य मार्ग पर कर्पूरी चौक से मस्जिद रोड तक रोज़ाना लगने वाले तीव्र जाम को बड़ी समस्या बताते हुए कहा कि—
स्कूल जाने वाले बच्चों, मरीजों,
और आम यात्रियों को रोज़ परेशानी उठानी पड़ती है।
उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि—
सड़क किनारे किए गए अतिक्रमण हटाए जाएँ,
और वहाँ 2–4 पुलिस जवानों की निरंतर तैनाती की जाए।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर प्रशासन शीघ्र समाधान नहीं निकालता, तो वे यह मुद्दा अपने सांसद और उच्चाधिकारियों के समक्ष उठाएँगे।
उन्होंने कहा कि बालू से संबंधित समस्या पूरे इलाके में चर्चा का विषय तो है परंतु माननीय विधायक द्वारा यह मुद्दा सदन में उठाया जा चुका है, इसलिए विभागीय प्रतिक्रिया का इंतजार करना भी आवश्यक है।
उन्होंने आगे कहा कि पांकी क्षेत्र में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने गरीब और असहाय लोगों के लिए संकट की स्थिति पैदा कर दी है, लेकिन प्रशासन की तरफ से राहत कार्यों की गति बेहद धीमी है। उन्होंने इसे "दुखद और उदासीनता का संकेत" बताया।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंत में प्रिंस सिंह ने अपनी परंपरागत समाजसेवी भूमिका निभाते हुए कई जरूरतमंद लोगों को कमल (कंबल) वितरित किए। उन्होंने कहा कि—
यह सिर्फ वितरण नहीं,
बल्कि कठिन ठंड में मानवता की सेवा है।
उन्होंने घोषणा की कि जरूरत मंद, वृद्ध, असहाय और बीमार लोगों तक और भी कंबल पहुँचाए जाएँगे ताकि कोई भी ठंड से पीड़ित न हो।
“पद की नहीं, समाज सेवा की है लालसा”
उन्होंने दोहराया कि उनका लक्ष्य केवल समाज सेवा है। उन्होंने कहा—
“पांकी की जनता ने मेरे परिवार को मुखिया से लेकर मंत्री तक बनाया है। हमारे लिए पद से बड़ी चीज़ जनता का प्यार है। इसलिए मुझे पद की कोई लालसा नहीं—आप मुझे एक समाजसेवी के रूप में ही देखें।”
उन्होंने अंत में पांकी की जनता, मीडिया और समर्थकों का आभार जताते हुए कहा कि वे जनता की समस्याओं को हर स्तर पर उठाते रहेंगे और समाधान के लिए प्रतिबद्ध रहेंगे।
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