झारखंड सरकार ने एक किसान से धान खरीदारी के लिए 200 क्विंटल की अधिकतम सीमा तय की है. राज्य में धान की खरीद 15 दिसंबर से शुरू है । इसी के तहत उदयपुरा 2 के पैक्स में भी सभी गांवों के पंजीकृत किसान अपनी उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य पर बेच पा रहे हैं । पैक्स के नजदीक होने से किसानों को धान पहुचाने में आसानी हो रही है । पैक्स में मौजूद कई किसानों ने स्वीकार किया की इस बार धान खरीदी के लिए सरकार की व्यवस्था ठीक है और लोगों को काफी सहूलियत मिल रही है ।
विदित हो कि राज्य के विभिन्न प्रखंडों में लैम्पस और पैक्स के माध्यम से धान की खरीदी की जा रही है । उदयपुरा 2 पैक्स के मैनेजर बच्चन देव सिंह ने कहा की जो भी किसान इस केंद्र से टैग हैं उन्हें समय से sms भेजा जा रहा है और इस बात का खास घ्यान रखा जा रहा है कि किसानों को धान बेचने में किसी तरह की दिक्कत न हो । उन्होंने कहा की हालांकि मेरे केंद्र में अभी किसानों की संख्या कम है । मेरी कोशिश है कि अधिकाधिक किसान अपना पंजीयन करा पायें और न्यूनतम समर्थन मूल्य का लाभ लें । उन्होंने यह भी बताया की इस बार किसानों द्वारा बेचे जाने वाले धान की कुल कीमत का 50 फीसदी हिस्सा सरकार शीघ्र भुगतान कर देगी और किसानों को शेष 50 फीसदी राशि 3 महीने के भीतर दे दी जाएगी.
क्रय पदाधिकारी दीपक कुमार सिन्हा ने कहा कि सरकार ने इस बार पिछले साल की तुलना में 2 लाख टन अधिक धान खरीद का लक्ष्य रखा है. इस बार 8 लाख टन की खरीद का लक्ष्य तय किया गया है. पिछली बार 6.2 लाख टन धान की खरीद की गई थी. धान खरीदारी की दरें पिछले साल के बराबर हैं ।
बताया गया है कि एक किसान से अधिकतम 200 क्विंटल धान खरीदने की सीमा तय किए जाने के पीछे की वजह ये है कि सरकार ज्यादा से ज्यादा किसानों को सरकारी समर्थन मूल्य का लाभ पहुंचाना चाहती है. पिछले साल कुछ जिलों में एफसीआई के जरिए धान की खरीद की गई थी, लेकिन इसमें अनियमितता की शिकायतें मिलने की वजह से सरकार ने तय किया है कि वो पैक्स और लैम्पस के माध्यम से सीधे धान खरीदेगी.
किसानों को धान बेचने के लिए ई-उपार्जन पोर्टल या बाजार एप पर रजिस्ट्रेशन कराना होता है . इसमें आधार संख्या, मोबाइल नंबर, बैंक खाता, कृषि कार्य हेतु प्रयुक्त जमीन का रकबा (खाता, प्लाट संख्या सहित) और अन्य जानकारियां देनी होंगी.
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