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झारखंड में भूमि राजस्व प्रणाली में बड़ा बदलाव : मंत्री दीपक बिरुआ ने की नई योजनाओं की घोषणा


झारखंड सरकार ने भूमि और राजस्व से जुड़े कार्यों को सरल, पारदर्शी, और डिजिटल बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने प्रोजेक्ट भवन में आयोजित वर्चुअल बैठक में अधिकारियों को भूमि राजस्व प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने के लिए कई अहम निर्देश दिए। इस बैठक में प्रमंडलीय आयुक्तों, विभागीय सचिव चंद्रशेखर, विशेष सचिव शशि प्रकाश झा, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इन सुधारों से झारखंड के नागरिकों को अपने भूमि संबंधी कार्यों के लिए कचहरी और सरकारी कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता समाप्त हो जाएगी।

मुख्य घोषणाएं और सुधार:

1. बार कोड से जमीन की रसीद कटाने की सुविधा:

राज्य सरकार ने भूमि रसीद कटाने के लिए एक अन्य डिजिटल प्रणाली शुरू करने की योजना बनाई है। अब झारखंड के नागरिक अपनी जमीन की रसीद मोबाइल पर बार कोड के माध्यम से कटवा सकेंगे।

इस सुविधा से नागरिक सरकारी कार्यालयों में लंबी कतारों और जटिल प्रक्रियाओं से बच सकेंगे।


भूमि रसीद कटाने की प्रक्रिया न केवल आसान होगी बल्कि समय की भी बचत करेगी।


मंत्री ने अधिकारियों को इस सेवा को जल्द लागू करने का निर्देश दिया है।


2. म्यूटेशन और अन्य भूमि कार्यों को पारदर्शी बनाने पर जोर:

झारखंड में म्यूटेशन प्रक्रिया लंबे समय से एक जटिल और समय-साध्य कार्य रही है। मंत्री ने म्यूटेशन और अन्य भूमि कार्यों को ‘राइट टू सर्विस एक्ट’ के तहत लाने की घोषणा की।

राज्य में वर्तमान में 20 लाख लंबित म्यूटेशन मामलों में से 10 लाख से अधिक मामलों को अंचल अधिकारियों द्वारा खारिज कर दिया गया है।


मंत्री ने इन लंबित मामलों के शीघ्र निपटान के लिए डिजिटल तकनीक लागू करने और प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने पर जोर दिया।


वरिष्ठ अधिकारियों को अस्वीकृत आवेदनों की नियमित समीक्षा कर समाधान निकालने का आदेश दिया गया है।


3. खासमहल जमीन और सैरात की वसूली प्रक्रिया में सुधार:

राज्य सरकार ने खासमहल जमीन के नवीनीकरण और सैरात की वसूली प्रक्रिया को सरल और सुगम बनाने का निर्णय लिया है।

इन कार्यों को नागरिकों की सुविधा को ध्यान में रखकर तेज और पारदर्शी तरीके से पूरा करने के निर्देश दिए गए।


लंबित नीलाम पत्र वाद और कोर्ट केसों के शीघ्र निष्पादन के लिए विशेष योजनाओं की घोषणा की गई है।


4. राजस्व संग्रहण प्रक्रिया में तेजी:

बैठक के दौरान मंत्री ने अधिकारियों को राजस्व संग्रहण की गति बढ़ाने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया।

उन्होंने सभी अंचल कार्यालयों का नियमित निरीक्षण करने और राजस्व संग्रहण के लिए विशेष अभियान चलाने पर जोर दिया।


मंत्री ने कहा कि इन सुधारों से राज्य के राजस्व में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी।


चुनौतियां और समाधान:

म्यूटेशन प्रक्रिया और अन्य भूमि संबंधी कार्यों में पारदर्शिता की कमी और लंबित मामलों की बड़ी संख्या झारखंड के भूमि राजस्व विभाग की प्रमुख चुनौतियां रही हैं।

इन समस्याओं का समाधान करने के लिए सरकार डिजिटल प्रणाली का उपयोग कर रही है।


वरिष्ठ अधिकारियों की नियमित निगरानी से यह सुनिश्चित किया जाएगा कि नागरिकों को तेजी से सेवा मिले और प्रक्रियाएं सुचारु हों।


डिजिटल युग की शुरुआत:

राजस्व और भूमि सुधार विभाग द्वारा अपनाई गई नई डिजिटल प्रणाली न केवल झारखंड के नागरिकों के लिए सुविधाजनक साबित होगी बल्कि यह राज्य के राजस्व संग्रहण को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी।

मंत्री ने कहा कि सरकार नागरिकों की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजिटल सेवाओं का विस्तार कर रही है।


इन सुधारों से आम जनता को उनके भूमि संबंधी मामलों में बड़ी राहत मिलेगी और समय की बचत होगी।


अधिकारियों को निर्देश:

मंत्री ने बैठक में शामिल अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे सभी प्रक्रियाओं को नागरिकों के अनुकूल बनाएं और सुनिश्चित करें कि भूमि से जुड़े सभी कार्य समय पर पूरे हों।

म्यूटेशन, नवीनीकरण, और राजस्व वसूली जैसे कार्यों को प्राथमिकता दी जाए।


लंबित मामलों की नियमित समीक्षा कर शीघ्र समाधान सुनिश्चित किया जाए।


भू-राजस्व मंत्री दीपक बिरुआ ने इन सुधारों को झारखंड के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि नागरिकों की सुविधा और सरकारी राजस्व में वृद्धि सुनिश्चित करने के लिए इन योजनाओं को जल्द से जल्द लागू किया जाए।

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