मेदिनीनगर, 5 मई 2025 झारखंड क्रांति मंच (JKM) ने आज केंद्र सरकार और संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) पर गंभीर आरोप लगाते हुए साक्षात्कार प्रक्रिया में जातिगत भेदभाव की निष्पक्ष जांच और दोषियों की बर्खास्तगी की मांग की है। मंच के संस्थापक और केंद्रीय अध्यक्ष शत्रुघ्न कुमार शत्रु ने मेदिनीनगर में प्रेस बयान जारी करते हुए कहा कि UPSC के साक्षात्कार बोर्ड में जातिवादी सोच से प्रेरित सदस्यों द्वारा अनुसूचित जनजाति के अभ्यर्थियों के साथ खुला भेदभाव किया गया है।
शत्रु के अनुसार, अनुसूचित जनजाति वर्ग के लगभग 9 अभ्यर्थियों ने लिखित परीक्षा में 705 से 766 अंक अर्जित किए, लेकिन साक्षात्कार में उन्हें केवल 112 से 160 अंक दिए गए। इसके विपरीत, सामान्य वर्ग के लगभग 10 अभ्यर्थियों को, जिन्होंने 679 से 732 अंक प्राप्त किए थे, साक्षात्कार में 201 से 212 अंक देकर ऊपर पहुंचाया गया। यह अंतर, उन्होंने कहा, "जातिगत पक्षपात का निकृष्ट उदाहरण है।"
JKM अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि वर्तमान में UPSC "अपरकास्ट पब्लिक सर्विस कमिशन" बन गया है। उन्होंने कहा कि लेटरल एंट्री के जरिए कॉरपोरेट दलालों को प्रशासनिक सेवाओं में प्रवेश दिया जा रहा है, जबकि आरक्षित वर्गों के प्रतिभावान युवाओं को योजनाबद्ध तरीके से बाहर किया जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि केवल UPSC ही नहीं, बल्कि केंद्र और राज्य स्तर के लोक सेवा आयोग भी जातिवाद, भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद के दलदल में फंसे हैं।
शत्रु ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मांग की कि UPSC चेयरमैन समेत चयन बोर्ड के जातिवादी सदस्यों को तुरंत बर्खास्त कर निष्पक्ष जांच कराई जाए, ताकि संविधान में प्रदत्त समान अवसर की भावना को सशक्त किया जा सके।
झारखंड क्रांति मंच ने चेतावनी दी कि यदि केंद्र सरकार इस गंभीर मसले पर शीघ्र कार्रवाई नहीं करती है, तो देशव्यापी जनआंदोलन छेड़ा जाएगा।
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