C Voter Survey Bihar Politics 2025:
बिहार की सियासत में एक नया मोड़ आता दिख रहा है। रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी अब राज्य की राजनीतिक समीकरणों को नया आकार देती नजर आ रही है। सवाल यह उठता है कि पीके की एंट्री से सबसे ज्यादा नुकसान किसको होगा — एनडीए या महागठबंधन को? हाल ही में सामने आए C Voter के सर्वे ने इस पर रोशनी डाली है और चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
जन सुराज पार्टी किसे करेगी कमजोर?
सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि लगभग 19% लोग मानते हैं कि PK की पार्टी एनडीए को नुकसान पहुंचाएगी, जबकि 18% लोगों का मानना है कि महागठबंधन को झटका लगेगा। लेकिन असली ट्विस्ट यह है कि 36% से अधिक लोग मानते हैं कि जन सुराज NDA और महागठबंधन दोनों के वोट काट सकती है। यानी पीके की रणनीति सत्ता और विपक्ष दोनों को चित्त कर सकती है।
PK के निशाने पर कौन हैं?
C Voter के प्रमुख यशवंत देशमुख के मुताबिक, प्रशांत किशोर का फोकस JDU और कांग्रेस पर है। वह इन दोनों दलों के परंपरागत वोटरों को अपने पक्ष में लाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि RJD के मुस्लिम-यादव वोट बैंक पर असर डालना मुश्किल है, यह सर्वे में भी झलकता है।
लोकप्रियता बन पाएगी वोट?
C Voter सर्वे यह भी संकेत देता है कि प्रशांत किशोर ने जमीन पर जबरदस्त चर्चा और मौजूदगी बना ली है। उनकी जनसभाओं में उमड़ती भीड़ और तीव्र प्रतिक्रियाएं बताती हैं कि जनता उन्हें गंभीरता से सुन रही है। मुख्यमंत्री पद के लिए वह अब टॉप-2 उम्मीदवारों में गिने जा रहे हैं।
लेकिन यशवंत देशमुख का मानना है कि बिहार की जातीय राजनीति को दरकिनार कर वोट पाना कठिन काम है। अगर प्रशांत किशोर जातीय सीमाओं को लांघने में सफल होते हैं, तो वह "हीरो" साबित होंगे, वरना यह प्रयोग नाकाम भी हो सकता है।
निष्कर्ष:
प्रशांत किशोर और उनकी जन सुराज पार्टी 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में बड़ा रोल निभा सकती है। लेकिन उनका असर किस गठबंधन को कितना नुकसान पहुंचाएगा, यह जनता की आखिरी पसंद पर निर्भर करेगा।
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